Thursday, 27 May 2021

स्त्रियों का शुक्रिया कौन अदा करता है


 कवि

तुमने कहा था

पूछना नदी से

कि तुम कैसी हो...!!


सुनो न कवि, पुल से गुजरते हुए 

एक दिन

पूछ ही लिया मैंने 

नदी तुम कैसी हो...?


कितने ही खुरदुरे पत्थरों को तराशा है तुमने

ख़ुद को खोने से पहले

कितनी ही पीड़ाएँ 

सोखी हैं, बहाई हैं ....

कितने प्यासों की प्यास भी बुझाई है

शुक्रिया अदा किया किसी ने?


निर्मल मुस्कान लिए 

बुदबुदाई नदी

तुम भी न.......!

.................


स्त्रियों का शुक्रिया कौन अदा करता है.....?


....?

©® अमनदीप " विम्मी "

कविता संग्रह

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