Tuesday, 22 December 2020

ग़लती

 कई बार कोई बहुत जरूरी चीज़


बहुत सम्भाल कर रखती हूँ


इतना कि भूल जाती हूँ


रख कर उसे......


फिर बहुत ढूँढने पर भी नहीं मिलती वह


ऐन ज़रूरत के वक्त....


तुम्हें सम्भालने में भी यही गलती हुई हो शायद !


©®अमनदीप "विम्मी"

No comments:

Post a Comment

कविता संग्रह

  https://www.amazon.in/dp/B09PJ93QM2?ref=myi_title_dp