Tuesday, 14 September 2021


 


सर-ए-रिश्ता-ए-वफ़ा निभा गया वो,
सुना है गणित में कमज़ोर बहुत है....!

अमनदीप "विम्मी"

रंगमंच




 नेपथ्य कक्ष में

एक देह उतरती है....

.....................

और,

दूसरी पहना दी जाती है..

दुनिया एक रंगमंच है....!!


©® अमनदीप " विम्मी"

रक्षाबंधन

 



आज राखी बाँधेगी बहना

वो तो है इस घर का गहना!

भेंट मिलेगी उसको मन की

नाच रही है धा धा धिना ।


रोली टीका लगा माथे पर

राजा जैसा सज रहा है!

सबसे सुंदर मेरी राखी

भैया मन मन चहक रहा है।


बहना, मैं तेरा रखवाला

तू न कभी किसी से डरना!

दुःख हो सुख हो जो कहना हो

अपने इस भैया से कहना ।


तू है मेरा प्यारा भैया

जीवन जैसे भूल भुलैया!

छोड़ना न कभी मेरा साथ

कर वादा रख सिर पर हाथ ।


तू है मेरी प्यारी बहना

सँग सँग है हमको रहना!

राखी-धागे का पवित्र बंधन

निभाऊँगा मैं सारा जीवन।


साथ रहेंगे बहना भैया

चल डोले सँग ता था थैया ।


©®अमनदीप "विम्मी"

कविता संग्रह

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