Friday, 12 November 2021

इश्क़ मैं करती हूँ

 सवालों के टकराने भर से टूट जाता है

दिल है कि पानी का बुलबुला कोई....!!


©®अमनदीप "विम्मी"


वह चाहत सा मिलता है

मैं रूह सी छूती हूँ !


वह धूप सा खिलता है

मैं छाँव सी भरती हूँ !


वह धवल सा दिखता है

मैं रंग से लिखती हूँ !


इस तरह थोड़ा सा 

इश्क मैं करती  हूँ ......!!


©®अमनदीप "विम्मी"

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