खामोश रहकर भी सब कुछ कह जाएगा
दिल को अनजाना सा दर्द दे जाएगा
कह दे जो भी मन में है तेरे ऐ दोस्त
कल तक कहाँ ये लम्हा ठहर पाएगा
रफ्ता रफ्ता गुजर जाएगी ज़िन्दगी यूँ ही
ना मैं रह पाऊँगी ना ही तू रह जाएगा |
©®अमनदीप / विम्मी
दिल को अनजाना सा दर्द दे जाएगा
कह दे जो भी मन में है तेरे ऐ दोस्त
कल तक कहाँ ये लम्हा ठहर पाएगा
रफ्ता रफ्ता गुजर जाएगी ज़िन्दगी यूँ ही
ना मैं रह पाऊँगी ना ही तू रह जाएगा |
©®अमनदीप / विम्मी
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