Tuesday, 5 November 2019

सलवटें

देखा है कई बार
छिपाते हुए सलवटें नव वधु को
कभी चादर की तो कभी चेहरे की
नहीं लगने देतीं पता
तन और मन के घाव...

चेहरे की सलवटें उभरने के पहले ही
चुप करा दी जाती हैं लड़कियाँ
बोलना संस्कृति और सभ्यता के विरुद्ध है
और मानसिक खोखलापन
घर जोड़े रखने की पहली शर्त ...

उन चादरों को छुपा दिया गया
जिन पर कभी नहीं पड़ीं सलवटें
मढ़  दिया गया लड़कियों पर
त्रियाचरित्र का दोष
लड़कों की चरित्रहीनता को पुरुषार्थ माना गया....

रिश्ते की कड़वाहटों के लगे अलग अलग मायने
उन्हें जोड़े रखने के लिए लगाए गए पैबन्द और गठानें,
पैबन्दों को दिए गए काल्पनिक रँग
किन्हीं को दाग
और
किन्हीं गठानों को लुभावने वादे ।

अमनदीप / विम्मी
०६/११/२०१९


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