गलत था महाभारत
गलत था
अपने वचनों का निर्वहन
करने के लिए
गलत का साथ देना
गलत था
अहसानों को लादे फिरना
और उतार फेंकने की
हिम्मत न रखना
गलत था चौसर का खेल
गलत था
पत्नी को दाँव
पर लगाना
गलत था
अंधे के साथ
अंधा बनना
गलत था गलत को
गलत न बोलना...
अगर
कोई अपने वचन से
बंधा न होता
कोई अहसानों तले
दबा न होता
चीरहरण का कोई
औचित्य न होता
अगर कलयुग में
महाभारत काल होता
तो महाभारत ही न होता ।
©®अमनदीप/विम्मी
गलत था
अपने वचनों का निर्वहन
करने के लिए
गलत का साथ देना
गलत था
अहसानों को लादे फिरना
और उतार फेंकने की
हिम्मत न रखना
गलत था चौसर का खेल
गलत था
पत्नी को दाँव
पर लगाना
गलत था
अंधे के साथ
अंधा बनना
गलत था गलत को
गलत न बोलना...
अगर
कोई अपने वचन से
बंधा न होता
कोई अहसानों तले
दबा न होता
चीरहरण का कोई
औचित्य न होता
अगर कलयुग में
महाभारत काल होता
तो महाभारत ही न होता ।
©®अमनदीप/विम्मी
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