Tuesday, 12 May 2020

गलत था महाभारत

गलत था महाभारत

गलत था
अपने वचनों का निर्वहन
करने के लिए
गलत का साथ देना
गलत था
अहसानों को लादे फिरना
और उतार फेंकने की
हिम्मत न रखना
गलत था चौसर का खेल
गलत था
पत्नी को दाँव
पर लगाना
गलत था
अंधे के साथ
अंधा बनना
गलत था गलत को
गलत न बोलना...
अगर
कोई अपने वचन से
बंधा न होता
कोई अहसानों तले
दबा न होता
चीरहरण का कोई
औचित्य न होता
अगर कलयुग में
महाभारत काल होता
तो महाभारत ही न होता ।

©®अमनदीप/विम्मी

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