Sunday, 26 May 2019

अहम

जिस तरह मैं पढ़ लेती हूँ तुम्हारा मौन
तुम क्यों नहीं पढ़ पाते
मौन मेरा
कौन रोकता है तुम्हें
मेरा मैं होना
या
तुम्हारा तुम ?

©® अमनदीप/ विम्मी
26/05/2019

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