देखना तुम
देखना तुम
जब अश्क गिरेंगे,
सीप बन जा बसूंगी
तुम्हारे हृदय की थाह में
जब घनेरी रात होगी
चाँदनी बन पथ में पहले पग धरूँगी
फिर मेह की बरसात होगी
मौन मैं और मौन तुम
एक सृजन हम मिल करेंगे
देखना तुम
उस हृदय में
दीप बन हम तुम जलेंगे
©®अमनदीप / विम्मी
२६ /०६ /२०१९
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