लडकियों के पैरों के लिए
दो रास्ते होते हैं
एक दहलीज़ के अंदर
दूसरा दहलीज़ के बाहर
न वो दहलीज़ के अंदर खड़ी हो
बाहर वालों को आवाज़ लगा सकती हैं
न बाहर खड़ी हो
अंदर वालों के कानों के पर्दों को
अपनी मुलायम आवाज़ से सहला सकती हैं...
©®अमनदीप/विम्मी
दिल से निकली बातें जो दिल को छू जाएँगी । सबके दिलों को छूने के छोटे छोटे प्रयासों में आप सब की शुभकामनाओं की चाह के साथ , आप सब को समर्पित!!! " ख़ुश्बू-ए-इत्र मुबारक़ ए ज़माने तुझको मेरा किरदार ही काफ़ी है महकने के लिए "
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